सेक्शन 80सी के तहत एनएससी टैक्स बचत में मदद करता है. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आपको टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है.
अब आप फिजिकल डॉक्यूमेंट जमा किए बगैर ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. शेयरों में निवेश के लिए इन्हें खुलवाना जरूरी है.
कोरोना की महामारी ने अर्थव्यस्था को काफी नुकसान पहुंचाया है. लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी इसने असर डाला है. इस संकट में कई लोगों की नौकरी चली गई तो तमाम को सैलरी में कटौती का सामना करना पड़ा. ऐसे में जरूरी है कि खर्च को काबू में रखने के साथ बचत को बढ़ाया जाए. यहां हम आपको कुछ तरीके बता रहे हैं जिनसे आप अपने खर्चों में कमी लाकर बचत को बढ़ा सकते हैं.
लॉकर एग्रीमेंट के वक्त लॉकर रेंट वसूला जाता है. यह बैंक, ब्रांच, आकार या लॉकर की लोकेशन के आधार पर तय होता है.
कर्ज का बोझ बढ़ाने के बजाय निवेश के ऐसे विकल्पों की पहचान की जरूरत है जिन्हें मोनेटाइज किया जा सकता है.
केवाईसी की प्रक्रिया जब तब पूरी नहीं हो जाती है तब तक डिजिटल अकाउंट में अधिकतम 1 लाख रुपये का बैलेंस रखा जा सकता है.
सीटीएस का इस्तेमाल 2010 से हो रहा है. हालांकि, यह केवल बड़े क्लीयरिंग हाउस तक सीमित था. पिछले साल आरबीआई ने देशभर में सीटीएस को लागू करने का फैसला किया था.
केंद्रीय बैंक ने एलान किया है कि वह अगले चार महीनों में सीआरआर को 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी करेगा. सीआरआर में यह बढ़ोतरी दो चरणों में होगी.
इस एलान के बाद रेपो दर 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बनी हुई है. बाजार को पहले से उम्मीद थी कि आरबीआई नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगा.
एक डीमैट खाते में सभी शेयरहोल्डिंग को लाने से निवेशकों को अपने सभी शेयरों को एक साथ देखने में मदद मिलती है.
इसे आईवीआर, इंटरनेट बैंकिंग और एसएमएस के जरिये बनाया जा सकता है. आइए, यहां इसका तरीका जानते हैं.
टैक्स सेविंग डिपॉजिट पर कमाए गए ब्याज पर टैक्स लगता है. यह ब्याज आपकी सालाना इनकम में जुड़ता है.
रियल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) फैसिलिटी अब सातों दिन 24 घंटे उपलब्ध है. इस तरह भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में आ गया है जो आरटीजीएस सिस्टम का परिचालन पूरे साल के दौरान चौबीसों घंटे करते हैं. करीब एक साल पहले रिजर्व बैंक ने एनईएफटी फैसिलिटी 24 घंटे उपलब्ध करानी शुरू की थी. एनईएफटी छोटे मूल्य के लेनदेन का लोकप्रिय तरीका है. आइए, यहां आरटीजीएस के 5 फायदों के बारे में जानते हैं.
लोगों में रुपये-पैसे से जुड़ी कई गलतफहमी होती हैं. इसके चलते वे सही आर्थिक फैसले नहीं ले पाते हैं. इसका उन्हें नुकसान होता है. यहां हम ऐसी ही कुछ गलतफहमियों और उनके सच के बारे में बता रहे हैं.
भारत के बाहर रहने वाले भारतीय नागरिक या भारतीय मूल के लोग अनिवासी भारतीय यानी एनआरआई कहलाते हैं.
अकाउंट के प्रकार के अनुसार चेक बुक जारी करने के लिए फीस वसूली जा सकती है.
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