मैजिकब्रिक्स की रिपोर्ट कहती है कि मांग में रिकवरी के कई कारण हैं. इनमें वर्क फ्रॉम होम के कारण अतिरिक्त कमरे की जरूरत, सर्किल रेट, स्टैंप ड्यूटी घटना और कम ब्याज दरें शामिल हैं.
आम रिटेल निवेशक शेयरों में निवेश करते हुए अनुभव हासिल करने के बारे में सोच सकता है. लेकिन रियल एस्टेट में ऐसा नहीं है.
दिल्ली-एनसीआर में घरों की बिक्री साल 2020 के दौरान सालाना आधार पर 50 फीसदी की गिरावट के साथ 21,234 यूनिट रही. कोरोना महामारी के चलते मांग में कमी रहने के कारण पिछले साल घरों की बिक्री में कमी दर्ज की गई है.
महारानी बाग, पंचशील पार्क और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी जैसे इलाकों में पिछले कुछ सालों से बहुत कम प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन हो रहे थे
रिपोर्टिंग एंटिटी के तौर पर रियल एस्टेट एजेंटों को सुनिश्चित करना होगा कि उन्होंने घर खरीदार या विक्रेता के पृष्ठभूमि को वेरिफाई कर लिया है.
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को सभी क्षेत्रों में आवासीय, कमर्शियल और औद्योगिक प्रॉपर्टीज की सर्किल दरों में 20 फीसदी की कटौती का ऐलान किया.
नया अपार्टमेंट जीवनसाथी के साथ खरीदने में समझदारी है. इस स्थिति में आप दोनों ब्याज की जितनी रकम का भुगतान करते हैं, उस पर दो लाख रुपये का डिडक्शन उपलब्ध होगा.
सेक्शन 80ईईए के तहत टैक्स योग्य इनकम से डिडक्शन अब अगले साल 31 मार्च तक उपलब्ध होगा. इसमें सिर्फ एक शर्त है. इस बेनिफिट को पाने के लिए आपके पास लोन के सैंक्शन होने तक कोई दूसरी प्रॉपर्टी नहीं होनी चाहिए.
जानकारों का कहना है कि टैक्स छूट के विस्तार से रियल एस्टेट के सबसे तेजी से बढ़ते सेगमेंट एफोर्डेबल हाउसिंग यानी किफायती आवास की कुल मांग में तेजी आएगी.
घर बनाने में औसत लागत करीब 1,500 रुपये प्रति वर्ग फीट आती है. महंगे साजो-सामान के साथ लग्जरी घरों के लिए यह करीब 2,000 रुपये प्रति वर्ग फीट बैठती है.
कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के देशभर में लगभग 20 हजार सदस्य हैं. संगठन ने रियल एस्टेट निवेश न्यास (रीट) में निवेश को बढ़ावा देने के लिए टैक्स प्रोत्साहन की भी सिफारिश की.
योजना के मुताबिक हर शहर में इस तरह के एक हजार आवासों का निर्माण किया जाना है. इन्हें एक साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
आरबीआई यह उम्मीद करता है कि रेपो रेट में कमी के बाद बैंक भी लोन पर ब्याज दर घटाएंगे.
पिछले तीन साल में घरों की कीमतें नहीं बढ़ी हैं, जबकि होम लोन की ब्याज दर बहुत नीचे आ चुकी है.
इस स्कीम के तहत विभिन्न श्रेणियों के तहत 1350 फ्लैट हैं. ये द्वारका, जसोला, मंगलापुरी, वसंत कुंज और रोहिणी में है.
नाइट एंड फ्रैंक इंडिया के अनुसार, देश के प्रमुख आठ शहरों में एफोर्डिबिलिटी रेशियो पिछले दशक के मुकाबले 2020 में उल्लेखनीय रूप से सुधरा है.
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