इसके तहत विवादित कर का 100 फीसदी और विवादित जुर्माना या ब्याज अथवा शुल्क का 25 फीसदी देकर लंबित मामलों का निपटान किया जा सकता है.
सेक्शन 80सी के जरिये कोई व्यक्ति 1.5 लाख रुपये तक टैक्स बचत कर सकता है. यह रकम ग्रॉस टोटल इनकम से घट जाती है.
वित्त वर्ष 2020-21 से लोगों के पास पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था अपनाने का विकल्प है. पहले से चल रही व्यवस्था में मौजूदा डिडक्शन और टैक्स एग्जेम्पशन का फायदा उठाया जा सकता है. वहीं, कम रेट वाली टैक्स की नई व्यवस्था में ज्यादातर डिडक्शन और एग्जेम्पशन को छोड़ना होगा.
वित्त वर्ष के दौरान आप कुछ चीजों पर खर्च कर सकते हैं जिसके लिए आपको डिडक्शन क्लेम करने का हक मिलता है.
अगर आप फुलटाइम घर से काम कर रहे हैं और आपकी कंपनी टेलीफोन, इंटरनेट, प्रिंटिंग और स्टेशनरी जैसे कुछ खर्चों को रीइंबर्स कर रही है तो आपको इन खर्चों पर टैक्स देने की जरूरत नहीं है.
कर चोरी पर लगाम लगाने तथा राजस्व बचाने के लिये जीएसटी अधिकारियों को अब यह अधिकार दिया गया है.
इनकम टैक्स कानून कैपिटल गेंस पर कई तरह के एग्जेम्पशन क्लेम करने की छूट देते हैं.
सरकार ने वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के कॉन्ट्रिब्यूशन पर अर्जित ब्याज पर इनकम टैक्स वसूलने का फैसला किया है.
नवनीत चंडीगढ़ में आईटी प्रोफेशनल हैं. उनकी इनकम बहुत ज्यादा नहीं है. लेकिन, तब भी वह टैक्स देते हैं. कारण है कि वह उन्हें उपलब्ध सभी डिडक्शन का फायदा नहीं उठा पाते हैं.
इस कदम से उन लोगों पर असर पड़ेगा जिनकी इनकम ज्यादा है और ईपीएफ में अधिक कॉन्ट्रिब्यूट करते हैं. लेकिन, सरकार ने कहा है कि इसका असर ईपीएफ में योगदान करने वाले 1 फीसदी से भी कम लोगों पर पड़ेगा.
ईपीएफ और वीपीएफ में कॉन्ट्रिब्यूशन के मामले में इन दोनों में कमाए गए ब्याज पर टैक्स छूट का फायदा उठाने के लिए कुल कॉन्ट्रिब्यूशन 2.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
नया अपार्टमेंट जीवनसाथी के साथ खरीदने में समझदारी है. इस स्थिति में आप दोनों ब्याज की जितनी रकम का भुगतान करते हैं, उस पर दो लाख रुपये का डिडक्शन उपलब्ध होगा.
बजट 2021 में डायरेक्ट टैक्स प्रपोजल की थीम थी- टैक्स व्यवस्था को आसान बनाना, कम्प्लायंस में आसानी और मुकदमेबाजी कम करना.
इससे छोटे टैक्सपेयर्स को अपीलीय प्रक्रिया से गुजरे बिना टैक्स मामलों को निपटाने का मौका मिलेगा.
लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट से हुए नुकसान या लॉस को किसी अन्य लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट से हुए गेंस के साथ सेट-ऑफ किया जा सकता है.
चाहे सरकारी कर्मचारी हैं या प्राइवेट, आप सेक्शन 80सी के तहत इनकम टैक्स बेनिफिट का फायदा ले सकते हैं.
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